'जया' उड़ें रख प्रीत, निश्चिंत जीवन बीते।। 'जया' उड़ें रख प्रीत, निश्चिंत जीवन बीते।।
इंसान बनकर जीना हुआ है किस कदर मुश्किल ए काश! तुम भी कभी हमारी तरह जी पाते इंसान बनकर जीना हुआ है किस कदर मुश्किल ए काश! तुम भी कभी हमारी तरह जी पाते
ज़िंदगी सवार कर रखनी चाहिए ज़िंदगी सवार कर रखनी चाहिए
थोड़ी बिखरी सी है ज़िन्दगी आजकल मैं उसे समटने में लगा हूँ बहुत देर तक बैठा बेसुध हो क थोड़ी बिखरी सी है ज़िन्दगी आजकल मैं उसे समटने में लगा हूँ बहुत देर तक बैठा...
सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।। सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।।